sacchi shiksha ek sadhu o shishya ki hindi kahani.
एक समय की बात है किसी जङ्गल मे एक साधु महात्मा की आश्रम था। जङ्गल के बीचो बीच् आश्रम बहात् हि रबडी हे।एब मन् को शान्ति प्रदान कर ने बाला था।साधु महात्मा उस आश्रम मे अप्ने शिष्यो को बिभिद विषय पर् शिक्षा प्रदान किया कर्ते थे। सभि विद्यार्थी उन् साधु महात्मा की बहात इज्जत करते थे।एव उन महात्मा की चर्चा दूरदुर् के राज्यो मे होतिथि।
एक दिन दो युवक ऊन महात्मा के पास् आ अर शिष्य बन् ने की इच्छा व्यक्त की। युवक अच्चे कुल अर परीबार से थे।अर अर् उन दोनो भी ऊन महात्मा की चर्चा सुन कर् ऊन से शिक्षा प्राप्त करने हेतु पहचे थे। महात्मा ने सोचा की उन्ने महात्मा के रूप मे स्वीकार ने से पहले इन् की छोटिसि कसोटी की जाए। अर् उन्नो ने ऊन दोनो से आश्रम के कमर मे रखे दो मिटी के कबुतर लाने को काहा। दोनो कबूतर बहत् हि सुंदर था। तथा ऊन पर विशिष्ट प्रकार के कलाकृति की गयिथि। जेसे बे भी बहत् चमक रहेथे।
अर् जान् ने केलीए ए video देखीए