Happy republic day 26 January 2022 sanskrit alls

 

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By k.r.majhi


Happy republic day 1 January 2022 wishes by sanskrit alls



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गणतंत्र दिवस(happy Republic Day 2022)
 एक राष्ट्रीय पर्व है जिसमें वह देश अपना संविधान लेकर आया था। कुछ देशों में, इसे राष्ट्रीय दिवस या उद्घोषणा दिवस या किसी अन्य प्रकार के नाम से जाना जाता है।

    गणतंत्र दिवस भारत और उसके नागरिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों में से एक है। यह वह दिन है जब भारत का संविधान 1950 में 26 जनवरी को लागू हुआ था। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। हालाँकि, यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस तिथि को भारतीय संविधान को भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा (मतलब पूर्ण स्वराज) के रूप में अपनाने के लिए चुना गया था। इसलिए यह तिथि 1950 से हर साल मनाई जाती है और भविष्य में हमेशा के लिए भारतीय संविधान के सम्मान और याद रखने के लिए जारी रहेगी।




 





26 जनवरी को bharat के राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली के लाल किले par भारतीय ध्वज फहराया जाता हैं।

26 जनवरी ko हमारे देश की राजधानी मे बहुत सारे आकर्षक करने वाले और man मोह लेने वाले कार्य क्रम किए जाते है देश की राजधानी दिल्ली को kisi दुल्हन की तरह सजाया jata है दिल्ली मे बड़ी धूम धाम से परेड निकाली जाती है देश के kone कोने से लोग दिल्ली मे 26 जनवरी की परेड देखने दिल्ली aate है दिल्ली मे बड़ी ही धूम धाम se अस्त्र शस्त्र ka प्रदर्शन होता है 26 जनवरी ke दिन राष्ट्रपति ki सवारी बड़ी ही धूम धाम से निकाली jati है और भी बहुत से मन मोहक कार्यक्रम का आयोजन kiya जाता है

देश के हर कोने मे jagah जगह 26 जनवरी ko मनाया jata है कई तरह के कार्यक्रम आयोजित kie जाते हैं नृत्य natak आदि। 26 january  का यह त्योहार केवल bharat द्वारा ही नहीं मनाया jata बल्कि duniya भर मे निवास कर rahe प्रत्येक bharat वासी द्वारा मनाया जाता है

(Republic day 2022)गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य क्या हे ?

गणतंत्र divasa मनाने ka मुख्य उद्देश्य yaha है कि 26 january 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर banaya गया संविधान लागू kiya गया tha और हमारे देश bharat को पूर्ण गणतंत्र घोषित kiya गया।

वेसे तो हमारा country 15 अगस्त 1947 ko अंग्रेज़ों के चंगुल se आज़ाद हो गया था परंतु इस आज़ादी को रूप 26 जनवरी ko दिया गया। तब se अब तक ham  इस दिवस को आज़ादी ke दिन के रूप मे मनाते है aaj हमे आज़ादी मिले हुए pure 73 साल हो चुके है

हमारे देश की आज़ादी kisi भी एक व्यक्ति ke कारण नहीं हुई हमारे देश ki आज़ादी बहुत saare भगत सिंह, महात्मा गांधी आदि jaise महान पुरूषो ke बलिदान ka परिणाम है। desa भक्त अपने देश ko गुलामी ki ज़नज़ीरो से बंधा na देख sake अपने desha को आज़ाद कराने ke लिए उन्होने apne प्राण tak त्याग दिये उनके बलिदानों के karan अंग्रेज़ों ko अपने घुटने टेकने pade और उन्होने bharat को आज़ाद कर diya।

गणतंत्र divasa के din हम इन महान पुरुषों ke बलिदान को yad करत और प्रेरणा लेते है कि हम bhi इन्ही महान पुरुषों ki तरह अपने देश ke लिए apne प्राण त्याग देंगे uski आन मान और shan की रक्षा ke लिए हर samaya तय्यार रहेंगे और दोबारा kabhi अपने देश को गुलामी ki ज़नज़ीरो me बंधने नहीं देंगे हम सब ko इन देश भक्तो से प्रेरणा leni चाहिए और desha की हिफाज़त के lie तय्यार रहना चाहिए। े है गणतंत्र divasa को मनाने ka एक उद्देश्यकि ham महान पुरुषों ko बलिदान को yad करके उनसे प्रेरणा lete है।

प्रत्येक भारत वासियों को bharat के शहीदों से prerana लेनी चाहिए और अपने देश को ऊँचायो tak पहुंचाने के लिए प्रयास karte रहना चाहिए ur हर भारतीय का कर्तव्य banata है कि वह देश ke विकास के lie अपना पूरा योगदान  de और देश ki रक्षा के लिए हर samay खड़ा रहे।

History of (republic day 2022):

सन् 1929 ke दिसंबर में लाहौर men भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ka अधिवेशन pandit जवाहरलाल नेहरू ki अध्यक्षता में hua जिसमें प्रस्ताव पारित कर is baat की घोषणा की गई ki यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 tak भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) ka पद नहीं pradan करेगी, जिसके tahat भारत ब्रिटिश साम्राज्य me ही स्वशासित एकाई बन जाने उस din भारत ka पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की aur अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ kiya। उस din से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त hone तक 26 january स्वतंत्रता divasa के रूप में मनाया jata रहा। eske पश्चात स्वतंत्रता prapti के वास्तविक दिन 15 अगस्त को bharat के स्वतंत्रता दिवस के रूप men स्वीकार किया gaya। भारत के स्वतंत्र ho जाने ke बाद संविधान sabha की घोषणा हुई और esne अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरंभ kar दिया। संविधान सभा ke सदस्य bharat के राज्यों ki सभाओं के निर्वाचित सदस्यों ke द्वारा chune गए थे। डॉ० भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल neharu, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, sardar वल्लभ भाई पटेल, मौलाना abdul कलाम आजाद aadi इस सभा ke प्रमुख सदस्य the। संविधान निर्माण men कुल 22 समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप samiti (ड्राफ्टींग कमेटी) sabse प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति thi और इस समिति ka कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ ya ‘निर्माण करना’ tha। प्रारूप समिति ke अध्यक्ष विधिवेत्ता Dr. भीमराव आंबेडकर थे। प्रारूप समिति ne और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान sabha के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 ko भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवंबर divasa को भारत में  republic day (2022)ke रूप में प्रति barsa मनाया jata है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण ke समय कुल 114 din बैठक की। इसकी बैठकों में press और जनता ko भाग लेने की स्वतन्त्रता thi। अनेक सुधारों और बदलावों ke बाद सभा ke 284 सदस्यों ने 24 january  1950 को संविधान ki दो हस्तलिखित कॉपियों par हस्ताक्षर किये। इसके do दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश bhar में लागू हो गया। 26 जनवरी ka महत्व बनाए रखने ke लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री sabha (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप ko मान्यता प्रदान की गई।  जैसा कि आप sabhi जानते है कि 15 Aug 1947 को अपना देश हजारों देशभक्तों ke बलिदान के बाद अंग्रेजों ki दासता (अंग्रेजों  के शासन) से मुक्त हुआ था। इसके baad 26 जनवरी 1950 को अपने देश में भारतीय साशन और कानून व्यवस्था lagu हुई। भाईयो और बहनों नne इस स्वतन्त्रता ko पाने में अपने देश ki हजारों-हजारों माताओं की god सूनी हो गई थी, हजारों बहनों बेटियों ke माँग ka सिंदूर मिट गया था, tab कहीं इस महान बलिदान ke बाद देश स्वतंत्र हो saka था। जिस तरह

 desha का संविधान है, ठीक usi तरह परमात्मा का भी संविधान है, यदि हम सब देश ko संविधान की तरफ परमात्मा ke संविधान का पालन करें to समाज अपराध मुक्त व सशक्त ban सकता है।











Republic day status:










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